जहाजपुर, (अनिल सोनी)। स्वस्ति धाम की प्रणेता आर्यिका रत्न श्री स्वस्ति भूषण माताजी ने 32 माह बाद जहाजपुर में मंगल प्रवेश किया। इस अवसर पर कस्बे के हनुमान गेट से लेकर स्वस्ति धाम तक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने पलक पावड़े बिछाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
जगह-जगह पुष्प वर्षा और भव्य जुलूस
हनुमान गेट से शुरू हुए इस मंगल प्रवेश के दौरान श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा की। सदर बाजार में हिंदू उत्सव समिति के कार्यकर्ताओं ने माताजी का स्वागत पुष्प वर्षा से किया। उपस्थित आमजन ने माताजी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। जुलूस कस्बे के नौ चौक, सदर बाजार और बसस्टैंड होते हुए स्वस्ति धाम पहुंचा।

सामुदायिक सौहार्द्र का उदाहरण
पालिका के बाहर मुस्लिम समाज के पदाधिकारियों ने भी पुष्प वर्षा कर स्वस्ति भूषण माताजी का स्वागत किया, जो सामुदायिक सौहार्द्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। जुलूस के दौरान ढोल-नगाड़ों की गूंज और महिला बैड का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र बना रहा। जैन श्रद्धालु नाचते-गाते और झूमते हुए जुलूस में शामिल थे।
चातुर्मास का आयोजन
स्वस्ति भूषण माताजी का चातुर्मास स्वस्ति धाम पर ही होगा। इस आयोजन के दौरान स्वस्ति धाम कमेटी के अध्यक्ष सहित भारी संख्या में जैन महिला और पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे। दूर-दूर से भक्त इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे।

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
स्वस्ति भूषण माताजी के मंगल प्रवेश ने श्रद्धालुओं के बीच हर्ष और उत्साह का माहौल बना दिया। कस्बे में हर तरफ भक्ति और आस्था का वातावरण देखने को मिला। जुलूस और स्वागत समारोह ने साबित कर दिया कि स्वस्ति भूषण माताजी की आस्था और श्रद्धा कितनी गहरी है।
स्वस्ति धाम की विशेषता
स्वस्ति धाम ने जहाजपुर को एक नई पहचान दी है। इसका निर्माण स्वस्ति भूषण माताजी के अथक प्रयासों का परिणाम है। महावीर जयंती के दिन भगवान श्री मुनि सूरत नाथ भगवान की प्रतिमा को यहां विराजमान कराने के बाद इस स्थान का नक्शा ही बदल गया। स्वस्ति धाम आज एक विस्तृत परिसर में बदल चुका है जहां कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान श्री मुनीसुव्रत नाथ के दर्शन करके अपने आप को धन्य मानते हैं। यहां पर बना जहाज नुमा मंदिर जहाजपुर नाम को सार्थक कर रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण
स्वस्ति धाम के विस्तृत परिसर और वहां की सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। भगवान श्री मुनीसुव्रत नाथ के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। यह स्थान धार्मिक आस्था का केंद्र बन गया है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
स्वस्ति भूषण माताजी का जहाजपुर में मंगल प्रवेश और स्वस्ति धाम का महत्व इस कस्बे के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाई और इसे यादगार बना दिया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इससे समाज में भाईचारे और प्रेम का संदेश भी प्रसारित हुआ।